दिल को छू जाने वाली 182+ Wafa Shayari के पोस्ट में मिलेगा वफ़ा पर बेहतरीन शायरी स्टेटस और विचार जो आपके दिल को छू जायेगी. जिसे आप अपनों के साथ साझा भी कर सकते हैं।
दोस्तों यह पोस्ट Shayari On Topics से ली गयी हैं जो वफ़ा Shayari पर बनायीं गयी हैं. उन दोस्तों के लिए
जिन्हे मोहब्बत में वफ़ा नसीब नहीं हुयी आज भी एक बेवफा को याद करते हैं और सिसकते हैं और तलाश वफ़ा की करते हैं।
इस पोस्ट में आप पढ़ सकते हैं Wafa Shayari in Hindi Urdu के लाज़वाब हिंदी उर्दू कलेक्शन को।
दोस्तों हर किसी को अपने प्यार से वफ़ा चाहिए होती हैं पर कुछ मजबूरिया होती हैं, जिसके कारण उन्हें प्यार का वो सिला नहीं मिल पाता जिसकी चाहत होती हैं. टूटे हुए दिल से एक ही आवाज़ आती हैं।
Heart Touching 101+Wafa Shayari Status in Hindi Urdu
📖 वफ़ा ना रास आई. तुझे ओ हरजाई मुझे ओ बेवफा ज़रा ये तो बता तूने आग ये कैसी लगाई।
Wafa Shayari
1 📖 ना अदा से होंगी ना वफा से होंगी अब मोहब्बत जिससे भी होगी एग्जाम के बाद होंगी
═══2 📖
कैसे लोग बसते है इस जहाँ में,
एक से वफ़ा कर नही सकते,
दूसरे से दिल लगा लेते है..
═══3 📖
कितनी भी सच्ची मोहब्बत कर लो,
✒ वफा का लोग साथ छोड़ ही देते है.
═══4 📖
मेरी तलाश का है जुर्म या मेरी वफा का क़सूर,
जो दिल के करीब आया वही ✒ वफा ना कर सका
═══5 📖
काम आ सकी ना अपनी ✒ वफायें तो क्या करे,
उस बेवफा को भुला ना जाये तो क्या करे.
═══6 📖
वो जमाने में यूँ ही,
बेवफ़ा मशहूर हो गये दोस्त,
हजारों चाहने वाले थे किस-किस से
वफ़ा करते
═══7 📖
अब वफ़ा का नाम न ले कोई,
हमें ✒ बेवफ़ा की तलाश है,
पत्थर का दिल सीने में हो
हमें उस खुदा की तलाश है.
═══8 📖
आग दिल में लगी,
जब वो खफ़ा हो गए,
महसूस हुआ तब जब वो
जुदा हो गए.
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो हमें,
पर बहुत कुछ दे गए जब ✒ बेवफ़ा हो गए
═══9 📖
वफ़ा का नाम मत लो यारों.
वफ़ा दिल को दुखाती है,
वफ़ा का नाम लेने से हमें
एक ✒ बेवफा की याद आती है
═══10 📖
बिछड़ के तुमसे ज़िन्दगी सज़ा लगती है,
ये सांस भी जैसे मुझसे ख़फ़ा लगती है,
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किससे करूँ?
मुझको तो मेरी ज़िंदगी भी ✒ बेवफा लगती है
11 📖 मैं नादान था जो वफ़ा को तलाश करता रहा ग़ालिब, ये भी ना सोचा की अपनी सांस भी एक दिन बेवफा बन जाएगी।
12 📖 बेवफा होने के बाद तो कितनी ही, मजबुरियो को गिना देते है लोग. काश वफा करने की भी कोई मजबुरी होती?
- 13 📖 मुझसे मेरी वफ़ा का सबूत मांग रहा है, खुद बेवफ़ा हो के मुझसे वफ़ा मांग रहा है।
14 📖 अब इस से बढ़ कर क्या हो एह्तायत-ए-वफ़ा, मैं तेरे शहर से गुजरूँ तुझे खबर न करूं।
Best Wafa Shayari
15 📖 सोच रहा हूँ की, मुझे वफ़ा करने पर ऐसी सज़ा मिल रही है, तो उस बेवफ़ा का क्या होगा जिसने मुझे मिट्टी में मिलाया है।
- 16 📖 हम को उन से वफ़ा की है उम्मीद, जो नहीं जानते वफ़ा क्या है?
- 17 📖 तेरे होते हुए भी तन्हाई मिली है, वफ़ा करके भी देखो बुराई मिली है
═══18 📖
तेरी वफाओं का समन्दर
किसी और के लिए होगा, हम तो
तेरे साहिल से रोज प्यासे ही गुजर जाते हैं
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═══19 📖
दोस्त को दौलत की निगाह से
मत देखो, वफा करने वाले दोस्त
अक्सर गरीब हुआ करते हैं
Best Wafa Shayari
20 📖 मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा, किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे. जो मौत तक वफा करे।
21 📖 वफाये मांगते फिरते है फकीरों की तरह, अजीब लोग है कहते है मुहब्बत की है।
22 📖 एक जाम उलफत के नाम, एक जाम मुहब्बत के नाम. एक जाम वफ़ा के नाम, पूरी बोतल बेवफा के नाम, और पूरा ठेका दोस्तों के नाम।
23 📖 ख़त जो लिखा मैनें वफादारी के पते पर, डाकिया ही चल बसा शहर ढूंढ़ते ढूंढ़ते।
24 📖 मुझे भी बना दे ऐ खुदा -दिल तोड़ने वाला, कबतक वफा करूँगा – बेवफाओ के शहर मे।
═══25 📖
बहन की इल्तिजा माँ की
मोहब्बत साथ चलती है, वफ़ा-ए-दोस्तों
बहर-ए-मशक़्कत साथ चलती है
═══26 📖
उन्हें बेवफा कहूँ तो तोहीन
हो वफा की, वो वफा निभा तो
रहे है कभी इधर कभी उधर
═══27 📖
डरा -धमका के तुम हमसे वफ़ा
करने को कहते हो, कहीं तलवार
से भी पाँव का काँटा निकलता है?
═══ 📖
28 📖 मेरे अलावा किसी और को, अपना महबूब बना कर देख ले? तेरी हर धड़कन कहेगी उसकी वफ़ा मे कुछ और बात थी।
बेहतरीन वफ़ा शायरी
29 📖 मेरी वफा कि गवाही सितारे देते रहेँ, बस मेरे चाँद को ही मुझ पे यकीन ना आया।
═══30 📖
जितनी दुआ की तेरी
वफ़ा पाने की, उस से ज्यादा
तेरी बेवफाई मिली है
═══ 📖
31 📖 मेरी किस्मत में है एक दिन गिरफ्तार-ए-वफ़ा होना, मेरे चेहरे पे तेरे प्यार का इलज़ाम लिखा है।
32 📖 वाह मौसम तेरी वफा पे आज दिल खुश हो गया, याद-ए-यार मुझे आयी और बरस तू पड़ा।
33 📖 उँगलियाँ मेरी वफ़ा पर न उठाना लोगों, जिसको शक हो वो मुझसे निबाह कर देखे।
34 📖 Ungaliyan Meri Wafa Par Naa Uthana Logo, Jisako Shak Ho Wo Mujhse Nibaah Kar Dekhe।
35 📖 वफ़ा सीखनी है तो मौत से सीखो, जो एक बार अपना बना ले फिर किसीका होने नहीं देती।
वफ़ा पर शायरी फेसबुक के लिए
36 📖 हमें मालूम है, दो दिल जुदाई सह नहीं सकते मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते, जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो जो लहरों में तो डूबे हैं, मगर संग बह नहीं सकते❗।
═══37 📖
टूट गए हम तुम्हे
चाहते चाहते, अब हमसे
वफ़ा की उम्मीद ना करना
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═══38 📖
अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने
भी मोहब्बत की, मरने की दुआ
माँगी जीने की सज़ा पाई
═══3 📖
39 📖 बात वफाओं की होती तो कभी न हटते हम, खेल नसीब का था. उसे किस तरह तब्दील करते।
40 📖 उल्फ़त में बराबर है वफ़ा हो कि जफ़ा हो, हर बात में लज़्ज़त है अगर दिल में मज़ा हो अमीर मीनाई।
41 📖 कौन उठाएगा तुम्हारी ये जफ़ा मेरे बाद, याद आएगी बहुत मेरी वफ़ा मेरे बाद अमीर मीनाई।
42 📖 न मुदारात हमारी न अदू से नफ़रत न वफ़ा ही तुम्हें आई न जफ़ा ही आई बेखुद बदायुनी।
43 📖 इन वफ़ादारी के वादों को इलाही क्या हुआ, वो वफ़ाएँ करने वाले बेवफ़ा क्यूँ हो गए अख़्तर शीरानी।
═══44 📖
आज के दौर में उम्मीद वफ़ा
कैसे रखें, धूप में बैठा है खुद
पेड़ लगाने वाला
44 📖 टूट कर भी धड़कता रहता है, मैने कम्बखत दिल सा वफादार, आज तक नहीं देखा।
45 📖 बहुत रोती हैं वो आँखें जो मुहब्बत करती हैं, वफा की बूँदों में अधूरी कहानी लिख जाती हैं।
46 📖 मोहब्बत का नतीजा, दुनिया में हमने बुरा देखा, जिन्हे दावा था वफ़ा का, उन्हें भी हमने बेवफा देखा।
47 📖 चलो छोड़ो ये बहस कि वफ़ा किसने की और ✒ बेवफा कौन है तुम तो ये बताओ कि आज तन्हा कौन है।
48 📖 मोहब्बत का नतीजा दुनिया में, हमने बुरा देखा, जिन्हे दावा था वफा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा।
═══49 📖
खता उनकी भी नही यारो
वो भी क्या करते, बहुत चाहने
वाले थे किस किस से वफ़ा करते
═══0 📖
50 📖 किसी की खातिर मोहब्बत की इन्तेहाँ कर दो, लेकिन इतना भी नहीं कि उसको खुदा कर दो, मत चाहो किसी को टूट कर इस कदर इतना, कि अपनी वफाओं से उसको बेवफा कर दो।
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51 📖 ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैं, तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक हैं. वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी, हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक हैं।
52 📖 कभी न कभी वो, मेरे बारे में सोंचेगी ज़रूर, के हासिल होने की उम्मीद भी नहीं फिर भी वफ़ा करता था।
53 📖 परवाह करने वाले रूला जाते है, अपना समझने वाले पराया बना जाते है, चाहे जितनी वफाऐं कर लो इनसे, न छोडेगे तुमको कहकर छोड जाते हैं।
54 📖 हर किसी की जिंदगी का, एक ही मकसद है, खुद भले हों बेवफ़ा लेकिन तलाश वफ़ा की करते है।
═══55 📖
बेवफा भी कैसे कह दूँ
तुमको, वफा की बातें कभी
हुई ही नही थी
56 📖 वादा-ए-वफ़ा करो तो, फिर खुद को फ़ना करो, वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो।
57 📖 थोड़ी दीवानगी मै लाऊगा, थोड़ी वफा तुम ले आना, साझे में कर लेंगे फिर से कारोबार-ए- मौहब्बत।
58 📖 गलत कहते है लोग की सफेद रंग में वफा होती है यारो, अगर ऐसा होता तो आज नमक, जख्मो की दवा होती।
59 📖 वो दिल क्या जो मिलने की दुआ न करे, तुम्हें भुलकर जिऊ यह खुदा न करे, रहे तेरी दोस्ती मेरी जिन्दगानी बनकर, यह बात और है जिन्दगी वफा न करे।
60 📖 गुज़र गया दिन अपनी तमाम रौनके लेकर, ज़िन्दगी ने वफ़ा कि तो कल फिर सिलसिले होंगे।
61 📖 अगर इश्क करो तो अदाब-ए-वफा भी सीखो, ये चंद दिन की बेकरारी मोहब्बत नहीं होती।
62 📖 पाबंद-ऐ-वफा रहेंगे पर, कोई सफाई ना देंगे, साये की तरह तेरे साथ होंगे पर, दिखाई ना देंगे।
- 63 📖 वफ़ा का नाम लेने से हमें, एक बेवफा की याद आती है
═══64 📖
मेरी दास्ताँ-ए-वफ़ा
बस इतनी सी है, उसकी
खातिर उसी को छोड़ दिया
═══ 📖
65 📖 इतनी वफ़ादारी न कर किसी से यूँ मदहोश होकर, ये दुनियाँ वाले एक ख़ता के बदले सारी वफाएँ, भुला देते है।
66 📖 इक़रार -ऐ-मुहब्बत ऐहदे-ऐ.वफ़ा सब झूठी सच्ची बातें हैं “इक़बाल” हर शख्स खुदी की मस्ती में बस अपने खातिर जीता है।
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67 📖 तरस खाओ मुझ पर, बस इतना बताओ हमदम, तुम्हें वफ़ा नहीं आती, या तुमसे की नहीं जाती।
68 📖 ये न कहना की हमें अदब-ए-वफ़ा नहीं, दूर रहकर भी तेरी सूरत को पूजा है हमने।
69 📖 माना कि तुम गुफ़्तगू के फन में माहिर हो, वफ़ा के लफ्ज़ पे अटको तो हमें याद कर लेना.. अहमद फ़राज़।
═══70 📖
वो भी पाबन्द-ऐ-वफ़ा है
की साये की तरहसाथ तो है,
पर दिखाई नही देती
═══ 📖
71 📖 दिल दिया जान के क्यों उसको वफादार “असद” ग़लती की के जो काफिर को मुस्लमान समझा.. मिर्ज़ा ग़ालिब।
72 📖 कैसी हया कहाँ की वफ़ा पास-ए-ख़ल्क़ क्या हाँ ये सही कि आप को आना यहाँ न था अनवर देहलवी।
73 📖 वफ़ा करेंगे निबाहेंगे बात मानेंगे तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किस का था दाग़ देहलवी।
- 74 📖 जाओ भी क्या करोगे मेहर-ओ-वफ़ा बार-हा आज़मा के देख लिया दाग़ देहलवी।
- 75 📖 उड़ गई यूँ वफ़ा ज़माने से कभी गोया किसी में थी ही नहीं दाग़ देहलवी।
76 📖 किसी तरह जो न उस बुत ने ए’तिबार किया मिरी वफ़ा ने मुझे ख़ूब शर्मसार किया दाग़ देहलवी।
77 📖 ढूँड उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती ये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें अहमद फ़राज़।
Wafa Shayari in Urdu
78 📖 जो सज़ा दीजे है बजा मुझ को तुझ से करनी न थी वफ़ा मुझ को असर लखनवी।
79 📖 वफ़ा इख़्लास क़ुर्बानी मोहब्बत अब इन लफ़्ज़ों का पीछा क्यूँ करें हम जौन एलिया।
80 📖 बूढ़ों के साथ लोग कहाँ तक वफ़ा करें बूढ़ों को भी जो मौत न आए तो क्या करें.. अकबर इलाहाबादी।
81 📖 दिल दिया जान के क्यों उसको वफादार “असद” ग़लती की के जो काफिर को मुस्लमान समझा मिर्ज़ा ग़ालिब।
- 82 📖 हाल सुन कर मेरा वो यूँ बोले और दिल दीजिए वफ़ा कीजे जिगर बरेलवी ।
83 📖 दुनिया के सितम याद न अपनी ही वफ़ा याद अब मुझको नहीं कुछ भी मोहब्बत के सिवा याद जिगर मुरादाबादी।
84 📖 न जफ़ा से है मेरे दिल को क़रार न तसल्ली वफ़ा से होती है रियाज़ ख़ैराबादी।
85 📖 बेवफ़ाई पे तेरी जी है फ़िदा क़हर होता जो बा-वफ़ा होता मीर तक़ी मीर।
86 📖 बेवफ़ा कहने की शिकायत है तो भी वादा-वफ़ा नहीं होता मोमिन ख़ाँ मोमिन।
87 📖 मोहब्बत अदावत वफ़ा बे-रुख़ी किराए के घर थे बदलते रहे.. बशीर बद्र।
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88 📖 एक औरत से वफ़ा करने का ये तोहफ़ा मिला जाने कितनी औरतों की बद-दुआएँ साथ हैं बशीर बद्र।
89 📖 कभी की थी जो अब वफ़ा कीजिएगा मुझे पूछ कर आप क्या कीजिएगा हसरत मोहानी।
90 📖 दुनिया के सितम याद न अपनी ही वफ़ा याद, अब मुझ को नहीं कुछ भी मोहब्बत के सिवा याद जिगर मुरादाबादी।
91 📖 मैं सोचती हूँ कि इक जिस्म के पुजारी को, मेरी वफ़ा ने वफ़ा का सुहाग क्यूँ समझा नरेश कुमार शाद।
92 📖 ख़ुद वफ़ा क्या वफ़ा का बदला क्या लुत्फ़ एहसान था अगर करते फ़ानी बदायुनी।
93 📖 वफ़ा जिस से की बेवफ़ा हो गया, जिसे बुत बनाया ख़ुदा हो गया हफ़ीज़ जालंधरी।
94 📖 मेरे ब’अद वफ़ा का धोका और किसी से मत करना, गाली देगी दुनिया तुझ को सर मेरा झुक जाएगा क़तील शिफ़ाई।
95 📖 क्या मस्लहत-शनास था वो आदमी ‘क़तील’ मजबूरियों का जिस ने वफ़ा नाम रख दिया क़तील शिफ़ाई।
96 📖 मुझ से क्या हो सका वफ़ा के सिवा मुझ को मिलता भी क्या सज़ा के सिवा हफ़ीज़ जालंधरी।
97 📖 वफ़ा का नाम तो पीछे लिया है, कहा था तुम ने इस से पेशतर क्या बेख़ुद देहलवी।
Wafa Shayari In English
98 📖 Naa Aada Se Hogi Naa Wafa Se Hogi, Ab Mohabbat Jisase Bhi Hogi, Exam Ke Baad Hogi
Kaise-Kaise Log Basate Hain Is Jahaan Me, Ek Se Wafa Kar Nahi Sakte, Dusare Se Dil Laga Lete Hai
99 📖 Kitani Bhi Sachchi Mohabbat Kar Lo Wafa Ka Logo Sath Chhod Hi Dete Hain
Mere Talaash Ka Hai Jurm, Ya Meri Wafa Ka Kasur? Jo Dil Ke Kareeb Aaya Vahi Wafa Naa Kar Saka
10 📖 Kaam Aa Saki Naa Apani Wafaye, To Kya Kare? Us Bewafa Ko Bhula Naa Jaaye To Kya Kare?
100 📖Wo Zamane Me Yun Hi, Bewafa Mashahur Ho Gaye Dosto, Hazaaro Chahane Wale The Kis-Kis Se Wafa Karate?
101 📖 Ab Wafa Ka Naam Naa Le Koi Hame Bewafa Ki Talash Hai Patthar Ka Dil Seene Me Ho Hame Us Khuda Ki Talaash Hai
102 📖 Aag Dil Me Lagi. Jab Wo Khafa Ho GAYE mAHASUS hUA jAB wO jUDA hO gAYE kARAKE wAFA Kuchh De Naa Sake Wo Hame Par Bahut Kuchh De Gaye Jab Bewafa Huye
Wafa Ka Naam Mat Lo Yaro Wafa Dil Dukhati Hai, Wfa Kaa Naam Lene Se Ek Bewafaa Yaad Aati Hai
104 📖 Bichhad Ke Tujhse Zindagi Saza Lagati Hai, Ye Sans Bhi Jaise Mujhse Khafa Lagati Hai, Agar Ummid-E-Wafa Karu To Kisase Karu, Mujhko Zindagi Bhi Bewafa Lgati Hai
105 📖 “Main Nadan Tha Jo Wafa Ko Talaash Karta Raha Galib Ye Bhi Naa Socha Ki Apani Sans Bhi Ek Din Bewafa Ban Jayegi❗”
106 📖 “Bewafa Hone Ke Baad To Kitani Hi Majburiyao Ko Gina Dete Hai Log Kash Wafa Karane Ki Bhi Koi Majburi Hoti?❗”
107 📖 “Mujhse Meri wafa Ka Sabut Mang Raha Hai, Khud Bewafa Ho Ke Mujhse Wafa Mang Rha Hai❗”
108 📖 “Ab Is Se Badhakar Kya Ho Etihaat-E-Wafa, Mai Tere Shahar Se Gyzaru Tujhe Khabar Na Ho❗”
109 📖 Soch Raha Hun Ki? Mujhe Wfa Karane Par Esi Saza Mil Rahi Hai To Us Bewafa Ka Kya Hoga Jisase Mujhe Mitti Me Milaya Hai❗”
- 110 📖 Ham Ko Un Se Wafa Ki Hai Ummid, jO nahi Janate Wafa Kya Hai?
112 📖 Tere Hote Huye Bhi Tanhayi Mili Hai, Wafa Karake Bhi Dekho Burayi Mili Hai
Teri Wafaon Ka Samandar Kisi Aur Ke Liye Hoga Ham To Tere Sahil Se Roz Pyaase Hi Guzar Jate Hai
113 📖 Dost Ko Daulat Ki Nigah Se, Mat Dekho, Wafa Karane Wale Dost Aksar Garib Hua Karate Hai
114 📖 “Mohabbat Ki Ajamayish De De Kar Thak Gaya Hu E Khuda, Kisamat Me Koi Esa Likh De, Jo Maut Tak Wafa Kare❗”
115 📖 “Wafaye Mangate Firate Hai Fakiro Ki Tarh, Ajeeb Log Hai Jo Kahate Hai Muhabbat Ki Hai❗”
116 📖 “Ek Jaam Ulfat Ke Naam, Ek Jaam Mohabbat Ke Naam, Ek Jaam Wafa Ke Naam Puri Botal Bewafa Ke Naam Aur Pura Theka Dosto Ke Naam❗”
117 📖 “Khat Jo Likha Maine Wafaadari Ke Pate Par, Dakiya Hi Chal Basa Shahar Dhundhate-Dhundhate❗”
118 📖 “Mujhe Bhi Bna De E Khuda Dil Todane Wala, Kab-Tak Karunga Bewafao Ke Shahar Me❗”
119 📖 Bahan Ki Iltiza Maa Ki Mohabbat Sath Chalati Hai, Wafa-E-Dosto Bahar-E-Mashakkat Sath Chalati Hai
120 📖 Unhe Bewafa Kahu To Tauhin Ho Wafa Ki, Wo Wafa Nibha To Rahe Hai Kabhi Idhar Kabhi Udhar
121 📖 Dara Dhamaka Ke Tum Hamase Wafa Karane Ko Kahate Ho Kahi Talwaar Se Bhi Panv Ka Kanta Nikalata Hai?
122 📖 “Mere Alaawa Kisi Aur Ko Apana Mahabub Bna Kar Dekh Le? Teri Har Dhadakan Kahegi Usaki Wafa Me Kuchh Aur Baat Thi❗”
123 📖 “Meri Wfa Ki Gawahi Sitare Dete Rahe, Bs Chand Ko Hi Mujh Pe Yakin Naa Aaya❗”
- 124 📖 Jitani Dua Ki Teri Wafa Pane Ki, Us Se Jyaada Teri Bewafayi Mili
125 📖 “Meri Kisamat Me Hai Ek Din Girftaar-E-Wafa Hona, Mere Chaihare Pe Tere Pyaar Ka Ilzaam Likha Hai❗”
126 📖 “Waah Mausam Teri Wafa Pe Aaj Dil Khush Ho Gyaa, Yaad-E-Yaar Mujhe Aayi Aur Tu Baras Gaya❗”
127 📖 “Wafa Sikhani Hai To Maut Se Sikho, Jo Ek Baar Apana Bana Le Fir Kisi Kaa Hone Nhai Deti❗”
128 📖 “Hame Malum Hai Do Dil Ki Judayi Sah Nahi Sakate Magar Rasme-Wafa Ye Hai Ki Ye Bhi Kah Nahi Sakate Jara Kuchh Der Tum Un Saahilo Ki Chieekh Sun Bhar Lo Jo Laharo Me To Dube Hai Magar Sang Bah Nahi Sakate❗”
129 📖 Tut Gaye Ham Tumhe, Chahate-Chahate, Ab Hamse Wafa Ki Ummid Naa Karana
Anzaam-E-Wafa Ye Hai Jisene Bhi Mohabbat Ki, Marane Ki Dua Mangi Jeene Ki Saza Payi
“Baat Wafaon Ki Hoti To, Kabhi N Hatate Ham Khel Naseeb Ka Tha Use Kis Tarah Tabdil Karate❗”
130 📖 “Ulfat Me Barabar Hai Wfa Ho Ki Zafa Ho, Har Bata Me Lazzat Hai Agar Dil Me Maza Ho❗❗”
131 📖 “Kaun Uthayega Tumhari Ye Zafa Mere Baad, Yaad Aayegi Bahut Meri Wafa Mere Baad❗”
132 📖 “N Murad Hamari N Adu Se Nafarat, N Wfa Hi Tumhe Aayi N Zafa Hi Aayi❗❗”
133 📖 “In Wafadaari Ke Wado Ko Ilahi Kya Hua, Wo Wafa Karane Wale Bewafa Kyun Ho Gaye❗❗”
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इन्हें भी पढ़े ◼ [ 115+ Gussa Shayari — गुस्से नाराजगी पर शायरी ]
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134 📖 Aaj Ke Daur Me Ummid Wafa Kaise Rakhe Dhoop Me Baitha Hai Khud Ped Lagaane Wala
135 📖 “Tut Kar Bhi Dhadakata Rahata Hai, Maine Kambkhat Dil Sa Wafadaar Aaj Tak Nahi Dekha❗”
136 📖 “Bahut Roti Hain Wo Ankhen Jo Mohabbat Karati Hain, Wafa Ki Bindu Me Adhuri Kahani Likh Jati Hain❗”
137 📖 “Mohabbat Ka Natija Duniya Me Hamane Bura Dekha Jinhe Dawa Tha Wafa Ka Unhe Bhi Hamane Bewafa Dekha❗”
138 📖 “Chalo Chhodo Ye Bahas Ki Wafa Kisane Ki Aur Bewafa Kaun Hai? Tum Ye Batao Ki Aaj Tanha Kaun Hai❗”
139 📖 “Mohabbat Ka Natija Duniya Me Hamane Bura Dekha Jinhe Daawa Tha Wafa Ka Unhe BHI Hamane Bewafa Dekha❗”
140 📖 Khata Unaki Bhi Nahi Yaaro Wo Bhi Kya Karate, Bahut Chahane Wale the Kis-Kis Se Wafa Karate
141 📖 “Kisi Ki Khatir Mohabbat Ki Inthaan Kar Do Lekin Iatna Bhi Nahi Ki Usako Khuda Kar Do Mat Chaho Kisi Ko Tut Kar Is Kadar Itana Ki Apani Wafao Se Usako Bewafaa Kar Do❗”
142 📖 “Naa Puchh Mere Sabr Ki, Inteha Kaha Tak Hai, Tu Sitam Kar Le Teri Hasarat Janha Tak Hai Wafa Ki Ummid Jinhe Hogi Unhe Hogi Hame To Dekhana Hai Tu Bewafaa Kaha Tak Hai❗”
143 📖 “Kabhi Na Kabhi Wo Mere Baare Me Sochegi Jarur, Ke Hasil Hone Ki Ummid Bhi Nahi Fir Bhi Wafa Karata Tha❗”
144 📖 “Parwaah Karane Wale Rula Jaate Hai, Apana Samjhane Wale Paraaya Banaa Jaate Hai Chahe Jitane Wafaye Kar Lo Inase Naa Chhodenge Tumako Kahkar Chhod Jaate Hai❗”
145 📖 “Har Kisi Ki Zindagi Ka Ek Hi Maksad Hai, Khud Bhale Ho Bewafaa Lekin Talaash Wafa Ki Karate Hai❗”
- 146 📖 Bewafa Bhi Kaise Kah Du Tumako, Wafa Ki Baate Kabhi Huyi Hi Nahi Thi
147 📖 “Wada-E-Wafaa Karo To Fir Khud Ko Fana Karo Warana Khuda Ke Liye Kisi Ki Zindagi Naa Tabaah Karo❗”
148 📖 “Thodi Deewanagi Mai Launga, Thodi Wafa Tum Le Aana Sajhe Me Kar Lenge Fir Se Karobaar-E-Mohabbat❗”
149 📖 “Galat Kahate Hai Log Ki Safed Rang Me Wafa Hoti Hai Yaaro Agar Esa Hota To Aaj Namak, Zakhmo Ki Dawa Hoti❗”
150 📖 “Wo Dil Kay Jo Milane Ki Dua Na Kare, Tumhe Bhulkar Jiu Yah Khuda Naa Kare Rahe Teri Dosti Meri Zindgani Bankar Yah Baat Aur Hai Zindagi Wafa Naa Kare❗”
151 📖 “Guzar Gaya Di Apani Tamaam Raunake Lekar, Zindagi Ne Wafa Ki To Kal Fir Silsile Honge❗”
152 📖 “Agar Ishk Karo To Adaab-E-Wafa Bhi Sikho, Ye Chand Din Ki Bekarari Mohabbat Nahi Hoti❗”
153 📖 “Pabande-E-Wafa Rahenge Par Koi Safayi Na Denge, Saye Ki Tarah Tere Sath Honge, Magar Dikhayi Naa Denge❗”
- 154 📖 Wafa Ka Naam Lene Se Hame, Ek Bewafa Ki Yaad Aati Hai
155 📖 Meri Dastan-E-Wafa Bas Itani Si Hai, Usaki Khatir Usi Ko Chhod Diya
156 📖”Itani Wafaadari Naa Kar Kisi Se Yun Madhosh Hokar, Ye Duniya Waale Ek Khata Ke Badale Saari Wafaayen, Bhula Dete Hain❗”
157 📖 “Taras Khao Mujh Par Bas Itana Batao Hamdam Tumhe Wafa Nahi Aati Ya Tumase Ki Nahi Jati?❗”
158 📖 “Ye N Khana Ki Hame Adab-E-Wafa Nahi Dur Rahkar Bhi Teri Surat Ko Pooja Hai Hamane❗”
159 📖 “Mana Ki Tum Guftgoo Ke Fan Mein Mahir Ho, Wafa Ke Lafz Pe Atako To Humein Yaad Kar Lena.. ❗”
160 📖 Wo Paband-E-Wafa Hai Ki Saaye Ki Tarah, Sath To Hai Par Dikhayi Nahi Deti
161 📖 “Dil Diya Jaan Ke Kyu Usako Wafaadar “Asad” Galati Ki Ke Jo Kaafir Ko Muslamman Samjha❗”
162 📖 “Kaisi Haya Kanha Ki Wafa Paas-E-Khalk Kya Haan Ye Sahi Ki Aap Ko Aana Yaha Na Tha❗”
163 📖 “Wafa Karenge Nibahenge Baat Manenge Tumhe Bhi Yaad Hai Kuchh ye Kalaam Kisaka Tha?❗”
164 📖 “Jaao Bhi Kya Karoge Mehar-O-Wafa Baar-Ha Aazama Ke Dekh Liya❗”
- 165 📖 “Ud Gayi Yun Wafa Zamane Se Kabhi Goya Kisi Me Thi Hi Nahi❗”
“Kisi Tarah Jo Na Us But Ne Etibaar Kiya Miri Wafa Ne Mujhe Khub Sharmsaar Kiya❗”
166 📖 “Jo Saza Dije Hai BAJA Mujh Ko Tujh Se Karani N Thi Wafa Mujh Ko❗”
167 📖 “Budhon Ke Sath Log Kaha Tak Wafa Kare Budhon Ko Bhi Jo Maut Naa Aaye To Kya Kare?❗”
- 168 📖 “Haal Sun Kar Mera Wo Ty Bole Aur Dil Dijiye Wafa Kije❗”
169 📖 “Duniya Ke Sitam Yaad N Apani Hi Wafa Yaad Ab Mujhko Nahi Kuchh Bhi Mohabbat Ke Siwa Yaad❗”
- 170 📖 “N Zafa Se Hai Mere Dil Ko Karaar N Taslli Wafa Se Hoti Hai❗”
- 171 📖 “Bewafayi Pe Teri Ji Hai Fida Qhar HoTA Jo Baa-Wafa Hota❗”
172 📖 “Bewafa Kahane Ki Shikayat Hai To Bhi Wada-Wafa Nahi Hota❗”
173 📖 “Mohabbat Adavat Wafa-Be-Rukhi Kiraye Ka Ghar The Badalate Rahe❗”
174 📖 “Ek Aurat Se Wafa Ka Ye Tauhafa Mila Jaane Kitani Auraton Ki Bad-Duaye Sath Hai❗”
175 📖 “Kabhi Ki Thi Jo Wafa Kijiye Mujhe Puchh Kar Aap Kya Kijiyega❗”
176 📖 “Duniya Ke Sitam Yaad N Apani Hi Wafa Yaad, Ab Mujh Ko Kuchh Bhi Mohabbat Ke Siwa Yaad❗”
177 📖 “Main Sochati Hun Ki Ek Zism Ke Pujaari Ko, Meri Wafa Ne Wafa Ka Suhaag Kyu Samjha❗”
178 📖 “Khud Wafa Kya Wafa Ka Badala Kya Luft Ehsaan Tha Agar Karate❗”
179 📖 “Wafa Jis Se Ki Bewafa Ho GAYA, Jise But Banaya Khuda Ho Gaya❗”
180 📖 “Mere B’Ad Wafa Ka Dhokha Aur Kisi Se Mat Karana, Gali Degi Duniya Tujhe Ko Sir Mera Jhuk Jaayega❗”
181 📖 “Kya Maslahat-Shanas Tha Wo Aadami “Qtil” Majburiyon Ka Jis Jisne Wafa Naam Rakh Diya❗”
182 📖 “Mujh Se Kya Ho Saka Wafa Ke Siwa Mujhko Milata Bhi Kya Saza Ke Siwa❗”
183 📖 “Wafa Ka Naam To Peechhe Liya Hia Kaha Tha Tumne Is Se Peshtar Kya❗”
:: Final Word ::
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